Śrīkoṣa
Chapter 1

Verse 1.41

पञ्चरात्रमिदं शास्त्रं भुक्तिमुक्तिप्रदायकम् ।
मच्छासनमिदं शास्त्र मिदं गृह्णिष्व सादरम् ॥ ४१ ॥