Śrīkoṣa
Chapter 2

Verse 2.43

(A. B. C. D. F. omit this verse.)शान्तातिशान्तादुन्मेषो मम रूपाद्युगत्रये।
क्रमव्यक्तं तदाद्यं मे चातुरात्म्यममूर्तिमत् ॥ 43 ॥