Śrīkoṣa
Chapter 23

Verse 23.9

मृदं भूमौ प्रसार्याथ गन्धधूपाधिवासितम्(धूपादिवासितम् A.; पुष्पादिवासितम् F.)।
चतुरश्रं सुवृत्तं वा द्विहस्तं हस्तमेव वा ॥ 9 ॥