Śrīkoṣa
Chapter 25

Verse 25.41

हृल्लेखा परमात्मस्था या शक्तिर्भुवनेश्वरी।
चिच्छक्तिः (शान्त B. D.)शान्तिरूपा च घोषणी(घोषिणी D.) घोषसंभवा ॥ 46 ॥