Śrīkoṣa
Chapter 26

Verse 26.24

सा परा प्रकृतिः काक्या कल्पयन्ती जगद्विधिम्(जगद्धितम् G.; जगत्पुरा I.)।
पुरुषेश्वरयोगेन सा सृष्ट्यै संप्रकल्पते ॥ 28 ॥