Śrīkoṣa
Chapter 36

Verse 36.51

अचिरान्मन्त्रसामर्थ्यात्तेन भावेन जायते।
इत्थं संवित्तिसामर्थ्यात्तारिकाशक्तिमातताम् ॥ 57 ॥