Śrīkoṣa
Chapter 37

Verse 37.36

भूमिष्ठं क्षेत्रपालं तु यजेद्ध्यानादिसंयुतम्।
नीलजीमूतसंकाशं दण्डहस्तं महातनुम् ॥ 43 ॥