Śrīkoṣa
Chapter 42

Verse 42.66

ध्यायन्मां पद्मगर्भाभां पङ्कजद्वयधारिणीम्।
द्विभुजामसितापाङ्गीं नीलकुञ्चितमूर्धजाम् ॥ 66 ॥