Śrīkoṣa
Chapter 45

Verse 45.16

सौम्यवक्त्रा सौम्यनेत्रा द्विभुजा चारुकुण्डला।
पद्मगर्भोपमा कान्त्या मेखलादाममण्डिता ॥ 16 ॥