Śrīkoṣa
Chapter 49

Verse 49.51

भजेत विविधैर्भावैः क्षेमं कृत्वा मनःस्थितम्।
शक्रः---
नमो देवादिदेव्यै ते नमो वैकुण्ठवल्लभे ॥ 58 ॥