Śrīkoṣa
Chapter 49

Verse 49.132

प्रतिष्ठेयमिति प्रोक्ता साक्षाज्ज्ञानमयी परा।
ज्ञानं विना न चैवान्यन्नराणां तारकं (मतम् I.)स्मृतम् ॥ 149 ॥