Śrīkoṣa
Chapter 50

Verse 50.76

पञ्चाक्षरो ह्ययं मन्त्रो भुक्तिमुक्तिफलप्रदः।
शब्दाये सर्वभूतानामन्तःस्था चिन्मयी सदा ॥ 91 ॥