Śrīkoṣa
Chapter 52

Verse 52.1

द्विपञ्चाशोऽध्यायः - 52
श्रीः---
अथ मन्त्रमयं मार्गं शृणु वत्स पुरंदर।
प्रकाशानन्दरूपाहं पूर्णाहंता हरेरहम् ॥ 1 ॥