Śrīkoṣa
Chapter 7

Verse 7.33

बुद्धिदर्पणसंलीनः क्षेत्रज्ञश्चाधिदैवतम्।
अहंकृतिस्तथाध्यात्ममभिमानोऽधिभूतकम् ॥ 33 ॥