Śrīkoṣa
Chapter 14

Verse 14.50

स्वर्गस्था नरकस्थाश्च लोकाश्चैव चतुर्दश।
सरिद्‌द्वीपसमुद्राश्च विविधा ह्यण्डपद्धतिः ॥ 50 ॥