Śrīkoṣa
Chapter 16

Verse 16.12

इयं प्रकृतिरव्यक्ता कथिता ते सुराधिप।
व्यक्ताव्यक्तमयी सैषा नित्यं प्रसवधर्मिणी ॥ 12 ॥