Śrīkoṣa
Chapter 17

Verse 17.1

सप्तदशोऽध्यायः - 17
शक्रः---
नमस्ते कमलावासे जनन्यै सर्वदेहिनाम्।
गृहिण्यै पद्मनाभस्य नमस्ते सरसीरुहे ॥ 1 ॥