Śrīkoṣa
Chapter 17

Verse 17.44

नानाविभवसंस्थान नानाविभवभाजन(भावन A. B. F. G.)।
दिव्यशान्तोदितानन्दषाड्‌गुण्योदयविग्रह ॥ 44 ॥