Śrīkoṣa
Chapter 4

Verse 4.1

श्रीमत्पांचरात्रागमांतर्गत श्री-परमपुरुष संहिता
चतुर्थाध्यायः
भगवत्तीर्ध प्रसादादि महिमाभि वर्णनं
ऋषयः-
भगवत्तीर्ध प्रसादादि महिमाश्रवणे ऋषि प्रश्न
श्लो।। भगवन् श्रोतुमिच्छामो सर्वशास्त्र विशारद
हरिप्रसादमहिमा तत्तीर्थस्य विशेषता।। 1