Śrīkoṣa
Chapter 4

Verse 4.22

धान्यादयस्त्विहेलोके चांतेश्रीविष्णुसन्निधिः।
महाभक्त्यातुयोदद्याद्दनंकिंचिद्धरॆःप्रियं।। 22