Śrīkoṣa
Chapter 4

Verse 4.66

महोत्सवे भगवद्दर्शन फलप्राप्तिः
महोत्सवेप्रवर्तेतु भगवद्दनंभुवि।
असमानफलप्राप्ति हेतुभूतमितीरितं।। 66