Śrīkoṣa
Chapter 8

Verse 8.66

दिव्यक्षेत्र निवास, शरीर विसर्जनादिषु विशेष निरूपणं-
तक्षेत्रेषु निवासंच(तत, देह विसर्जनं)स्वशरीर विसर्जनं।
केवलं(श्रीहरेस्थ्सान प्राप्तिसाथन मीरितं)सद्गतिप्राप्ति हेतुभूत मितीरितं।। 66