Śrīkoṣa
Chapter 9

Verse 9.91

द्वारवीध्यादिकं ब्रह्मन् सर्वसिद्धि पुरोदितम् ।
सम्पाद्य परया भक्त्या सद्यागनिचयं महत् ॥ ९१ ॥