Śrīkoṣa
Chapter 22

Verse 22.30

अध्यात्मलक्षणा वृत्तिस्सर्वास्संहृत्य वै हृदि ।
उत्पद्यन्ते हि चैतस्माद्भावास्सर्वे द्विजोत्तम ॥ ३० ॥