Śrīkoṣa
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Chapter 23
Verse 23.63
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वासाभावद्विधैकैकं (ग्, घ्: द्वाहवभाव) पुनरप्यत्र पूर्ववत् ।
त्रि (क्, ख्: त्रि * * * काराद्विधाव्यवस्था * * * वेद्यास्ततो) प्रकारा द्विधावस्था ऋग्वेदाद्यास्ततो न्यसेत् ॥ ६३ ॥
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