Śrīkoṣa
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Chapter 30
Verse 30.172
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Original
इत्युक्तमरबिन्दाक्ष पवित्रारोपणं परम् ।
ऊनातिरिक्ताद्यद्याति (क्: ऊनातिरिक्ता * * * * पाति; ख्: ऊनातिरिक्तादन्यत् पाति) भुवि भक्तजनं सदा (ग्, घ्: भक्तजनं तदा) ॥ १७२ ॥
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