Śrīkoṣa
Chapter 36

Verse 36.247

नित्यसन्निधिमाहात्म्यात् कालं कल्पक्षयावधि ।
उत्तरोत्तरता चैव जगत्यस्मिन् हि वर्तते ॥ २४७ ॥