Śrīkoṣa
Chapter 36

Verse 36.271

व्याप्ता चाव्यक्तलिङ्गेन भारूपेण महात्मना ।
या परा प्रकृतिर्दैवी सत्त्वैकगुणलक्षणा ॥ २७१ ॥