Śrīkoṣa
Chapter 38

Verse 38.159

भगवद्यागपूर्वं तु सर्वत्र विहितं सदा ।
तच्च ज्ञानानुविद्धेन कर्मणार्घ्यादिकैस्सह ॥ १५९ ॥