Śrīkoṣa
Chapter 38

Verse 38.307

सदागमाख्यं मूलं तु परब्रह्मप्रकाशकम् ।
दिव्यसिद्धिप्रदं चैव शान्तिकृद्विघ्नकर्मणाम् ॥ ३०९ ॥