Śrīkoṣa
Chapter 42

Verse 42.58

षडक्षरेण संरोध्य मुद्रां बद्ध्वा द्विजाच्युतम् ।
अधिध्यानसमाधानाद्यावत् कलशसन्निधिम् ॥ ५८ ॥