Śrīkoṣa
Chapter 8

Verse 8.26

अक्षक्षेत्रे लिखेत् पद्मं सम्यगुच्छ्रितकर्णिकम् ।
सुशुद्धं कर्णिकाबीजं स्फटिकामलसन्निभम् ॥ २६ ॥