Śrīkoṣa
Chapter 23

Verse 23.211

चतुर्भुजैर्विराजन्ती केयूराङ्गभूषिता।
मुख्याभ्यां चैव हस्ताभ्यां बद्धाञ्जलिपुटा सदा।। 23.211 ।।