Śrīkoṣa
Chapter 24

Verse 24.87

काल्यां तु जुहुयान्मन्त्री द्विचतुःसंख्यया रमे।
संपातेन नमोऽन्तेन तत्तत्स्थानेषु च न्यसेत्।। 24.87 ।।