Śrīkoṣa
Chapter 24

Verse 24.202

पूजां गृहाण मद्दत्तां लोकानां हितकाम्यया।
इति संप्रार्थ्य देवेशमर्ध्यपाद्यादिभिर्यजेत्।। 24.202 ।।