Śrīkoṣa
Chapter 24

Verse 24.305

साधकैर्मदनुज्ञातैः ऋत्विग्भिश्चापि यत्कृतम्।
तत्तत्संपरिपूर्णाय न्यूनाधिक्योपशान्तये।। 24.305 ।।