Śrīkoṣa
Chapter 27

Verse 27.6

ब्रह्मस्थानादिभेदन विभजेत्तां पुरा गुरुः।
वीथीर्विहाय पूजार्थं ब्रीहिभिस्तण्डुलैस्तिलैः।। 27.6 ।।