Śrīkoṣa
Chapter 27

Verse 27.65

नीवारतिलसिद्धार्थयववेणुयवांस्तथा।
तुलसीदलयुक्तांस्तु शान्त्यम्भसि विनिक्षिपेत्।। 27.65 ।।