Śrīkoṣa
Chapter 28

Verse 28.206

उरोविराजि श्रीवत्सकौस्तुभोद्भासि दिक्तटम्।
रत्नकाञ्चनसन्मुक्ताभरणैर्वनमालया।। 28.206 ।।