Śrīkoṣa
Chapter 34

Verse 34.4

चतुष्कुम्डविधाने तु वृत्तकुण्जाद् गुरूत्तमः।
अग्निमुत्पाद्य निनयेदन्यकुण्डेषु पावकम्।। 34.4 ।।