Śrīkoṣa
Chapter 34

Verse 34.66

विराड्बाहुसमुद्भूता भुजवीर्यार्जितश्रियः।
युद्धोद्धतकृतोत्साहाः क्षत्रिया लोकविश्रुताः।। 34.66 ।।