Śrīkoṣa
Chapter 36

Verse 36.124

उत्सवावभृथार्थाय बिम्बेऽस्मिन् संनिधिं कुरु।
इति मूलात् तीर्थबिम्बे शक्तिमावाह्य मन्त्रवित्।। 35.124 ।।