Śrīkoṣa
Chapter 37

Verse 37.38

घृतावसिक्तैर्बहुभिर्दीपैर्बहुमुखैस्तथा।
यात्रोपकरणैश्चैव नृत्तगीतपुरःसरम्।। 37.38 ।।