Śrīkoṣa
Chapter 37

Verse 37.85

प्रोक्षयेत् कुम्भतोयेन देवं पुंसूक्तमुच्चरन्।
ततः संप्रार्थयेद् देवं नमस्कृत्य कृताञ्जलिः।। 37.85 ।।