Śrīkoṣa
Chapter 49

Verse 49.133

पुनस्तत्तत्समर्प्याथ नमस्कृत्वा क्षमापयेत्।
संकल्प्य पूजां होमान्तमुत्सवान्तमथापि वा।। 49.133 ।।