Śrīkoṣa
Chapter 49

Verse 49.253

सकृन्नियुङ्क्तस्तम्भं वा वस्त्रं वा पक्षिलेखितम्।
नोपयुञ्ज्यात् पुनस्तं वै नियोजयति चेद्यदि।। 49.253 ।।