Śrīkoṣa
Chapter 49

Verse 49.262

विहगेन्द्रं प्रतिष्ठाप्य उत्सवावभृथावधि।
कालयोः पूजनं कुर्यान्न कुर्यात्कालमब्जजे।। 49.262 ।।