Śrīkoṣa
Chapter 49

Verse 49.403

[आवर्तमित्यनावर्तं पुनरावर्तमेव हि।
प्रोक्षणं त्रिविधं प्रोक्तं तत्तत्कालानुसारतः।। 49.403 ।।