Śrīkoṣa
Chapter 49

Verse 49.483

यत्र दिव्येन मार्गेण पूजाद्यं वर्तते विभोः।
तत्र दिव्यतमेनैव पूजाद्यं भुक्तिमुक्तिदम्।। 49.483 ।।