Śrīkoṣa
Chapter 52

Verse 52.180

दीर्घार्धेन्दु युताङ्गानि कुर्याद्वह्न्यात्मनो हरेः।
बीजशक्त्यादिसंयुक्तमिष्टार्थे विनियोजयेत्।। 52.180 ।।